Himalayan Vice Chancellor Conclave & Himalayan Meet under 2nd -DISTF 2021 was held on 29th Nov, 2021 at Vigyan Dham, Jahjra - Uttarakhand State Council for Science and Technology

Himalayan Vice Chancellor Conclave & Himalayan Meet under 2nd -DISTF 2021 was held on 29th Nov, 2021 at Vigyan Dham, Jahjra

दिनांक 29 नवंबर 2021 को दूसरे ‘देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल-2021’ के अंतर्गत ‘हिमालयन मीट: द डिवाइन हेरिटेज ऑफ हिमालया’ का आयोजन उत्तराखंड विज्ञान एवं तकनीकी परिषद (यूकोस्ट) के विज्ञान धाम परिसर झाझरा में किया गया।  कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. हरक सिंह रावत, वन एवं पर्यावरण, आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री उत्तराखंड सरकार ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि विश्व के किसी भी कोने में रहने वाले किसी के धर्म के हों उत्तराखंड के साथ किसी न किसी रूप में जुड़े रहते हैं, यह उत्तराखंड की जीवन्त संस्कृति की प्रासंगिकता है। उन्होंने कहा हमें उत्तराखंड को उस दिशा में ले जाना है जहां पलायन न हो, जहां बेरोजगारी न हो, इसमें योग और वैलनेस की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है और हमारी कोशिश रहे कि इसे बनाए रखें। वहीं आयुष एवं आयुष शिक्षा सचिव उत्तराखंड सरकार, चंद्रेश यादव ने कहा कि उत्तराखंड में आयुष ग्राम को विकसित करने की संकल्पना पर काम किया जा रहा है, यह उत्तराखंड में पलायन रोकने और आजीविका बढ़ाने का कारगर उपाय साबित हो सकता है। वहीं यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ राजेन्द्र डोभाल ने हिमालयी क्षेत्रों के विकास के लिए प्रशासनिक सुधारों पर मुख्य अतिथि का ध्यान आकर्षित किया।  श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय एवं उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय,  डॉ. पीपी ध्यानी ने अपने संबोधन में इस ओर ध्यान आकषिर्त किया कि हिमालयन मीट जैसे बौद्धिक कार्यक्रमों की प्रासंगिकता तब है जब इनमें निकलने वाले निष्कर्षों को लागू किया जाए। वहीं उत्तराखंड आयुर्वेदिक कुलपति डॉ सुनील जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड को मर्म चिकित्सा और आयुष चिकित्सा का हब बनाया जा सकता है।  कार्यक्रम में उत्तरांखण्ड आयुर्वेद कॉलेज के चेयरमैन डॉ. अश्विनी काम्बोज ने इस बात पर जोर दिया कि आयुर्वेद और वेलनेस उत्तराखंड सहित हिमालयी क्षेत्रों की आर्थिकी का एक सशक्त माध्यम हो सकता है जिसे अभी और प्रसारित और विकसित किए जाने की जरूरत है।
वहीं कार्यक्रम की आयोजन समिति के सचिव कुंवर राज अस्थाना ने इस बात पर जोर दिया कि हिमालय को सुरक्षित रखना केवल इसके पर्वतों तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें यहां के निवासी, जीव-जंतु, पर्यावरण और यहां के निवासियों की आजीविका को सुरक्षित रखना और बढ़ाना भी शामिल है।   कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्वानों, शोधार्थियों, विद्यर्थियों और गणमान्य लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन टीएचडीसी के इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रो. रमना त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम का समापन श्री नवीन सिंघल ने किया।

दिनांक 29 नवंबर 2021 को ‘देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल-2021’ के अंतर्गत हिमालयन वाइस चांसलर कॉन्कलेव 2021 का आयोजन उत्तराखंड विज्ञान एवं तकनीकी परिषद (यूकोस्ट) के विज्ञान धाम परिसर झाझरा में किया गया। कॉन्कलेव में हिमालयी क्षेत्र के सभी 13 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों; जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल के  लगभग 30 से ज्यादा विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और शिक्षाविदों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय उत्तराखंड के कुलपति प्रो. पी.पी. ध्यानी ने उद्बोधन से किया। इस वाइस चांसलर कॉन्कलेव -2021 में प्रो. एस.पी. सिंह, पूर्व कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर (गढ़वाल), प्रो. अजीत कर्नाटक, कुलपति उत्तराखंड यूनिवर्सिटी ऑफ हॉल्टीकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, प्रो. सुनील राय, कुलपति यू.पी.ई.एस. यूनिवर्सिटी देहरादून, प्रो. नागराजा, कुलपति ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी देहरादून, डॉ. राजेन्द्र डोभाल, महानिदेशक यूकोस्ट उत्तराखंड, प्रो. वी.के. कटियार, डीन पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार के साथ अन्य गणमान्य विद्वानों व शिक्षाविदों ने अपने विचार व सुझाव साझा किए और हिमालयी परिक्षेत्र के अनेकों विषयों पर विचार विमर्श किया, और हिमालय परिक्षेत्र से संबंधित समस्याएं और उनके समाधान प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन प्रो. अमित अग्रवाल, टनकपुर इंजीनियरिंग कॉलेज उत्तराखंड ने किया। कार्यक्रम का संयोजन वरिष्ठ पत्रकार श्री कुंवर राज अस्थाना, दिव्य हिमगिरी, प्रो. अनुज शर्मा हिमालयीय विश्वविद्यालय, प्रो. नवीन सिंघल, डी.आई.टी. विश्वविद्यालय और प्रो. जे.सी. पाटनी, यू.पी.ई.एस. के द्वारा किया गया।