प्रथम सीमान्त पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव का आयोजन - Uttarakhand State Council for Science and Technology

प्रथम सीमान्त पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव का आयोजन

उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) द्वारा राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में वैज्ञानिक चेतना विकसित करने और  वैज्ञानिक अवधारणा को पुष्ट करने के उद्देश्य से जनपद चम्पावत में दिनांक १९ और २० नवम्बर को प्रथम सीमान्त पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव का आयोजन  किया जा रहा है। इस महोत्सव में राज्य के 06 सीमांत जनपदों क्रमशः उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग, बागेश्वर, चम्पावत एवं पिथौरागढ़ से कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्र-छात्राऐं विभिन्न वैज्ञानिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करेंगे। इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य सीमान्त क्षेत्रों के दूरस्थ विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र – छात्राओं में वैज्ञानिक चेतना  विकसित करना है । विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् का उद्देश्य राज्य में विज्ञान लोकव्यापीकरण है और इसी क्रम यूकास्ट द्वारा ’सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है । महोत्सव में प्रतिभागियों को विज्ञान प्रदर्शन और व्याख्यान, टेलीस्कोप के माध्यम से आकाश अवलोकन, तारामंडल शो, विज्ञान फिल्म शो के माध्यम से आमंत्रित वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन एवं चर्चा करने का अवसर भी प्राप्त होगा। सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव का आयोजन ब्लॉक एवं जनपद स्तर के पश्चात् अब राज्य स्तर पर चम्पावत जनपद में १९ और २० नवम्बर को किया जा रहा है । महोत्सव में पोस्टर प्रतियोगिता (स्थानीय पारंपरिक ज्ञान प्रणाली), नाटक (पर्यावरण संरक्षण जागरूकता), विज्ञान प्रष्नोतरी प्रतियोगित, कविता पाठन (हिन्दी एवं स्थानीय भाशा), कविता पाठन (अंग्रेजी) का आयोजन किया जा रहा है । सभी प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में कक्षा 6 से 8 तक एवं सीनियर वर्ग में कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राऐं प्रतिभाग करेंगे। प्रत्येक प्रतियोगिता में प्रतिभागियों का चयन दोनों वर्गों में अलग-अलग पहले ब्लॉक स्तर पर उसके बाद जनपद स्तर पर होंगे। राज्य स्तर पर प्रतिभाग हेतु प्रत्येक जनपद से 01 जिला समन्वयक/अध्यापक एवं 01 अध्यापिका (कुल 02) टीम के साथ प्रतिभाग करेंगे तथा कार्यक्रमों एवं अभिरुचियों से रूबरू होंगे ।

महोत्सव में निम्न प्रतियोगिताऐं आयोजित की जा रही हैं –

  1. पोस्टर प्रतियोगिता (स्थानीय पारंपरिक ज्ञान प्रणाली)
  2. नाटक (पर्यावरण संरक्षण जागरूकता)
  3. विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता
  4. कविता पाठन (हिन्दी एवं स्थानीय भाषा)
  5. कविता पाठन (अंग्रेजी)

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